Nekiya...,नेकी याँ....!!
Poem On Social Work

Poem- Nekiya...नेकी याँ....!!

Poem- Nekiya...नेकी याँ....!!
नमस्कार दोस्तों...,
कुछ लफ्जों को पिरो रहीं हूं ,
किसी की नेकी को समर्पित…!
जिस समाजसेवी बिटीयां ने,
वात्सल्य का फर्ज अदा किया.....!!
कहते है की, फरिश्ते का नाम पता नहीं होता ...!!
आज फिर एक नेकी की दौलत देख,
दिल बागबान हो गया...!!
अपना न होकर भी वो अपनों का,
हक अदा कर गया....!!
प्रेम और वात्सल्य के दो शब्द,
लूटाकर जादूगर फरिश्ता वो....!!
किसी जरूरतमंद के दिल को,
ढेर सारा सुकून दे गया....!!
बेशक पैसों से चलती है दुनिया,
पर सुकून तो भावनाएं देती है....!!
प्यार की, वात्सल्य की, नेकी की,
सन्मान की, सुरक्षा की, अपनेपन की...!!
जबतक रहेगी वात्सल्य की ये भावनाएं,
अवश्य बरकरार रहेगी एसी नेकींयाएं.....!
समाजसेवी बेटीयोंके उस वात्सल्य को ..!!
समर्पित है यह कुछ पंक्तियाँए...!!!
- धन्यवाद
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